"वेब टेलीस्कोप ने यूनिवर्स की विस्तार दर पर खोले नए राज़ - क्या 'हबल टेंशन' वाकई में मौजूद है?"
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिले नए डेटा से हो सकता है कि यूनिवर्स की विस्तार दर की गुत्थी सुलझ जाए। बीते दो दशकों से, खगोल वैज्ञानिक "हबल कॉन्स्टेंट" को लेकर बहस कर रहे हैं, जो कि यूनिवर्स के विस्तार की गति को मापने के लिए महत्वपूर्ण है। इस बहस को "हबल टेंशन" कहा जाता है, जिसमें दो विरोधाभासी माप मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि शायद हमारे यूनिवर्स के मॉडल में कुछ कमी हो सकती है।
Scientists used new data taken by the James Webb Space Telescope to make a- हालांकि, शिकागो यूनिवर्सिटी की प्रख्यात खगोलविद वेंडी फ्रीडमैन के नेतृत्व में हाल ही में की गई एक अध्ययन से पता चलता है कि शायद ऐसा कोई विरोधाभास नहीं है। फ्रीडमैन और उनकी टीम ने वेब टेलीस्कोप का उपयोग करके दस नज़दीकी आकाशगंगाओं की दूरी मापी और पाया कि विस्तार दर लगभग 70 किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापार्सेक है, जो पहले से किए गए मापनों के काफी करीब है।
An artist's concept showing the expansion of the universe over time since the Big Bang
- तीन विभिन्न विधियों—सेफीड वेरिएबल स्टार्स, टिप ऑफ रेड जाइंट ब्रांच और कार्बन स्टार्स—का उपयोग करते हुए, फ्रीडमैन की टीम ने अपने मापनों की सटीकता का मजबूत सबूत पाया। ये खोज यह संकेत देती हैं कि हमारा यूनिवर्स का मौजूदा मॉडल सही हो सकता है और "हबल टेंशन" वास्तव में अस्तित्व में नहीं है।
जैसा कि फ्रीडमैन ने कहा, "ऐसा लगता है कि यूनिवर्स को समझाने के लिए हमारे मौजूदा कॉस्मोलॉजिकल मॉडल कायम है।" यह खोज आधुनिक कॉस्मोलॉजी के सबसे बड़े सवालों में से एक को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
By:- Ranjan
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