नासा की बड़ी खोज: पहली बार धरती के चारों ओर अदृश्य विद्युत क्षेत्र का पता चला!

 नासा के वैज्ञानिकों ने एक अदृश्य लेकिन महत्वपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र का पहली बार पता लगाया है जिसे एम्बिपोलर विद्युत क्षेत्र कहा जाता है। 60 साल पहले इसकी परिकल्पना की गई थी, और अब इसे मापा गया है। यह खोज पृथ्वी के वातावरण, उसके विकास और यहां तक कि जीवन को समझने के तरीके में क्रांति ला सकती है।

Earth's North Pole, as seen by Endurance. The streaks in the sky are from lens flare. (NASA)

  • नासा के एंड्योरेंस मिशन, जिसे मई 2022 में लॉन्च किया गया था, ने 768 किलोमीटर की ऊंचाई पर इस अदृश्य बल का सफलतापूर्वक पता लगाया। इस क्षेत्र की माप केवल 0.55 वोल्ट की थी, जो कि एक घड़ी की बैटरी के बराबर है, लेकिन यह छोटा सा चार्ज हाइड्रोजन आयनों को सुपरसोनिक गति से अंतरिक्ष में भेजने के लिए पर्याप्त है। इसे ध्रुवीय वायु के रूप में जाना जाता है।

Simulation

  • यह विद्युत क्षेत्र पृथ्वी के वातावरण में गुरुत्वाकर्षण और चार्ज किए गए कणों के बीच संतुलन बनाए रखता है और आयनोस्फीयर को फूलने में मदद करता है, जिससे कुछ कण अंतरिक्ष में बाहर निकल जाते हैं। इस क्षेत्र को समझना न केवल पृथ्वी के वायुमंडलीय गतिशीलता को उजागर करता है बल्कि अन्य ग्रहों जैसे शुक्र और मंगल के लिए भी नए रास्ते खोलता है।

जैसा कि नासा के वैज्ञानिक ग्लिन कॉलिन्सन ने कहा, "किसी भी ग्रह के पास अगर वातावरण है तो उसमें एम्बिपोलर क्षेत्र होना चाहिए। अब जब हमने इसे मापा है, तो हम यह जान सकते हैं कि इसने हमारे ग्रह और अन्य ग्रहों को कैसे आकार दिया है।"

By:- Ranjan

#NASA, #SpaceDiscovery, #ElectricField, #EarthScience, #AmbipolarField, #EnduranceMission, #PolarWind, #SpaceExploration, #NewDiscovery, #ScientificBreakthrough,

Comments

Popular posts from this blog

डार्क मैटर ने सुलझाई 'फाइनल पारसेक प्रॉब्लम', सुपरमैसिव ब्लैक होल्स का रहस्य खुला

जीवन की उत्पत्ति की खोज: खगोलजीवविज्ञानी मनस्वी लिंगम का पृथ्वी के सबसे बड़े रहस्यों को सुलझाने का सफर

"आर्टेमिस III के चंद्र लैंडिंग स्थल की पहचान: मानचित्रण और AI तकनीकों से सामने आए आदर्श स्थान"