ब्लैक होल से निकलने वाली एक्स-रे किरणों का रहस्य हुआ हल!

 हेलसिंकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सुपरकंप्यूटर सिमुलेशन के माध्यम से ब्लैक होल के आसपास की चुंबकीय क्षेत्रों के कारण होने वाली अशांति से उत्पन्न होने वाली एक्स-रे किरणों का रहस्य सुलझाया है। यह खोज हमारे ब्रह्मांड के गूढ़ रहस्यों को समझने में बड़ी मदद कर सकती है!

Visualization shows how the turbulent plasma moves in the magnetized accretion disk corona. Credit: Jani Närhi

    • ब्लैक होल का विज्ञान जब बड़े तारे ढह जाते हैं, तो इतनी घनी वस्तु का निर्माण होता है कि उसका गुरुत्वाकर्षण यहां तक कि प्रकाश को भी बाहर नहीं आने देता। हम ब्लैक होल को सीधे नहीं देख सकते, लेकिन इनके आस-पास के तारों और गैस पर इनके प्रभाव से इनके अस्तित्व का पता चलता है। एक बाइनरी सिस्टम में, ब्लैक होल धीरे-धीरे अपने साथी तारों को खींचता है, जिससे एक चमकदार पदार्थ का डिस्क बनता है जिसे एक्रीशन डिस्क कहा जाता है। यह डिस्क एक्स-रे किरणों का प्रमुख स्रोत होती हैं।
    • समझ में आया बड़ा बदलाव 1970 के दशक से ही वैज्ञानिक इस बात को समझने की कोशिश कर रहे थे कि यह एक्स-रे कैसे उत्पन्न होती हैं। अब हेलसिंकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जूनास नात्तिला और उनकी टीम ने सिद्ध कर दिया है कि ब्लैक होल के चारों ओर चुंबकीय अशांति प्लाज्मा को गर्म करती है, जिससे एक्स-रे उत्पन्न होती हैं। यहां तक कि क्वांटम प्रभाव भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    • यह महत्वपूर्ण शोध नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और यह दिखाता है कि ब्लैक होल के चारों ओर का प्लाज्मा दो अलग-अलग स्थितियों में हो सकता है - एक ठंडा और पारदर्शी और दूसरा गर्म और अपारदर्शी। यह खोज एक्स-रे अवलोकनों के साथ मेल खाती है, जो ब्लैक होल के रहस्यमय व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने में सहायक होगी।

    By:- Ranjan

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